गर्मी के मौसम पर निबंध | Essay on summer season in hindi

भारत एक ऐसा देश है जहा सभी ऋतुओं का आनंद लिया जा सकता है, गर्मी के मौसम पर निबंध के अंतर्गत हम भारत के सबसे लोकप्रिय और रसीले मौसम ग्रीष्म ऋतु का वर्णन करने जा रहे है।

जी हाँ वही गर्मी का मौसम जिसमे हमारे सरीर से टप-टप पसीना चूता है, लेकिन उसे भूल कर आम जैसे रसीले फल का हम आनंद लेते है।

ये वही आनंददायी ग्रीष्म ऋतु है, जिसमें लोग तारों की छावं में अपनी रात गुजारते है।

गर्मी के मौसम पर निबंध 

garmi ke mausam par nibandh

भारतवर्ष को ऋतुओं की फुलवारी कहा गया है। 

जैसे फुलवारी में तरह - तरह के फूल खिलकर वहाँ की शोभा बढ़ाते हैं , वैसे यहाँ वसन्त , ग्रीष्म , वर्षा , शरद , शिशिर आदि ऋतुएँ , समय - समय पर आकर अपना वैभव बिखेरती हैं।

सभी मौसम की अवधि दो - दो माह मानी गयी है । इस सब में ग्रीष्म की प्रधानता है। 

शरद और शिशिर के अलावा अन्य सभी ऋतुओं का प्रभाव स्पष्ट दिखलाई पड़ता है। 

इस ऋतु की व्यापकता के कारण ही भारतवर्ष को गर्म देश कहा जाता है। 

वसंत को हम ऋतुओं का राजा मानते हैं। 

निःसन्देह यह हमारी सामन्तवादी मनोवृत्ति का द्योतक है। राजा वह है , जो दूसरों को मूर्ख बनाकर उनकी मिहनत की कमाई पर मौज करे। 

आज तक के राजाओं के जीवन को देखने से हम इसी निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि उनका ऐश्वर्य दूसरों के शोषण की बुनियाद पर टिका रहा है। 

ऋतुओं का राजा वसन्त इसका अपवाद नहीं। यदि ग्रीष्म नहीं तपे तो वर्षा नहीं हो , और वर्षा नहीं तो कहाँ वसन्त और कहाँ इसकी वास्तविकता। 

अब समय आ गया है हम दूसरों के श्रम पर पलने वाले एवं मान - सम्मान कमाने वाले का पर्दाफाश करें। 

उसे उसका वास्तविक मूल्य बतला दें एवं श्रमिकों को समुचित प्रतिष्ठा दें।

गरीबो का मौसम है गर्मी  

वसन्त के गीत हम गा चुके, अब ग्रीष्म के गौरव का गान करना है। वसन्त विलासियों की ऋतु है , जाड़ा अमीरों की और गर्मी गरीबों की। 

वसन्त की मादकता विलासिता को प्रश्रय देती है, काम - भावना को उदीप्त कर यह मनुष्य को रास - रंग की ओर ले जाती है। 

गरीबों के पास न समय है न धन कि वे विलासिता में गोता लगाएँ। उसके कर्ममय जीवन में विलास का स्थान कहाँ ?

शीत की ठंढ़क गरीबों के लिए अभिशाप बनकर आती है। 

अतः जाड़े की ऋतु में बर्फीली हवा कभी उन्हें ऐसी सुला देती है कि वे फिर नहीं उठते हैं। 

गर्मी में उन्हें कुछ राहत मिलती है। निस्संदेह गर्मी की उमस और लू भी कष्टदायक होती है। 

किसानों , मजदूरों को जेठ की लू में भी खटना पड़ता है। पर रात्रि हुई , आसमान के नीचे खाट बिछा कर सो गये। 

फलों के रसस्वादन का मौसम है गर्मी 

गर्मी फलों का मौसम है - ऐसे फलों को जिन्हें साधारण आदमी भी आसानी से खरीद कर खा सकता है। 

हमारे राष्ट्रीय फल - आम का मौसम यही है। आम सस्ते भी होते हैं , महँगे भी। गरीब और अमीर सभी इसका रसास्वादन करते हैं। 

लीची , जामुन , ककड़ी , खीरा , तरबजू आदि का भी मौसम यही है। 

हमारे यहाँ विशेषकर बिहार में अधिकांश लोगों के यहाँ शादी - व्याह का भी मौसम यही है। 

काफी चहल - पहल रहती है। अत : गर्मी का मौसम भारत के गरीब - दुःखियों का मौसम है। 


● वर्षा ऋतु पर निबंध

● वसंत ऋतु पर निबंध 

● शरद ऋतु पर निबंध

● सरस्वती पूजा पर निबंध


चलते-चलते :

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