प्रस्तावना : शरद ऋतु पर हिंदी निबंध
● गर्मी के मौसम पर निबंध
शरद ऋतु का महत्त्व : essay on winter season in hindi
वर्षा ऋतु के पश्चात् शरद ऋतु का आगमन होता है । वर्षा काल में धरती सिंचित हो जाती है । पेड़ - पौधों में नवजीवन का संचार होता है तथा सर्वत्र हरियाली दृष्टिगोचर होती है । तभी शरद ऋत का आगमन होता है ।ये भी पढें - मेरा भारत महान हिंदी निबंध | mera bharat mahan essay in hindi
शरद् ऋतु की विशेषता :
विशेषता : hindi essay on winter season
शरद् ऋतु के आगमन के साथ ही अनेकों पर्व - त्योहारों का आयोजन होने लगता है । विश्वकर्मा पूजा , गणपति ( गणेश ) पूजा , दुर्गापूजा , दशहरा , दीपावली , छठ व्रत आदि पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं ।
उपसंहार : शरद ऋतु पर निबंध
शरद ऋतु पर निबंध | sharad ritu in hindi
वर्षा की समाप्ति के बाद शरद ऋतु का प्रारम्भ होता है।
इस समय तक वर्षा - जन्य कादो कीच और गन्दगी दूर हो जाती है। मेढ़कों का टर्राना बन्द हो जाता है , धान की रोपनी समाप्त हो जाती है , खेतों में हरियाली छाने लगती है , धान फूटने लगते हैं।
वायु का ताप , किरणों का तीखापन , वातावरण की उमस सभी समाप्त हो जाते हैं और प्रकृति का धुला गात स्वच्छ सौन्दर्य की आभा बिखेरता रहता है।
जल की पवित्र बूंदों से नहायी हुई प्रकृति का धवल सौन्दर्य मुस्कुरा है न तूफान का आक्रोश उठता है। खेतों की हरियाली में जीवन की उष्मा विखरने लगती है , न कहीं आँधी का प्रकोप रहता आसमान साफ हो जाता है। धरती का कष्ट दूर हो जाता है।
पानी स्फटिक जैसा हो जाता जो अन्य ऋतुओं में दिखाई नहीं पड़ता। है कि आदमी चेहरा देख ले , कमल - कुमुद शोभा देते हैं।
त्योहारों का मौसम है शरद
हरसिंगार इस ऋतु का विशेष पुष्य इस काल में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं जिनमें दुर्गापूजा प्रसिद्ध है ।
त्योहार की धूम - धाम हमारी संस्कृति के धवल नक्षत्रों की शोभा है । हम इसे त्योहारों का मौसम भी कह सकते हैं। इसी ऋतु में आश्विन की अन्तिम तिथि को हमारे पावन पर्व ' शरद पूर्णिमा ' का शुभागमन होता है।
इस रात को चन्द्रमा अपनी सोलहों कलाओं के साथ गगन मंडल में उदित होता है। शरद - पूर्णिमा चन्द्रमा के मनोरम रुप के दर्शन तथा प्रकृति के मनमोहक दृश्य के अवलोकन का अपूर्व अवसर है।
जिस प्रकार हमारे यहाँ अन्य त्योहार विजयादशमी , दीपावली आदि मनाये जाते हैं , उसी प्रकार शरद - पूर्णिमा भी हमारा एक धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्व है।
इस रात को चन्द्रमा बड़ा मनोरम होता है , इस रात को ऐसा लगता है मानो प्रकृति देवी ने सम्पूर्ण पृथ्वी पर दुधिया चादर बिछा दी हो। पूर्ण आभा और यौवन में हँसता हुआ चाँद किस भावुक का मन नहीं मोह लेता ?
शरद पूर्णिमा पर देखे विशेष नजारा
शरद के इस मुस्कुराते हुए चाँद का पूर्ण सौन्दर्य , उसका परिपूर्ण रुप यदि आप देखना चाहते हैं तो किसी सरिता या सागर के किनारे चले जाइए। समुद्र की उच्छल तरंगों में लक्ष - लक्ष चाँद देखकर निहाल हो जायेंगे।
किसी वृक्ष के नीचे खड़े हो जाइये , वृक्ष के पत्तों से छन - छन कर आती हुई चाँदनी तथा वृक्ष की छाया दोनों की आँखमिचौनी तथा उनके विचित्र सम्मिश्रण पर आप मुग्ध हो जायेंगे।
इस प्रकार शरद ऋतु से हम प्रकृति के अनेक रमणीय रूपों के दर्शन प्राप्त करते हैं।
बादल अपने भींगे वस्त्रों से आकाश को धो - पोछ कर साफ बना देते हैं , रुई के फाहे की तरह एकाध मेघ खण्ड तैरते दृष्टिगोचर होते हैं , कण - कण में शीतल पुलक भर उठता है।
हम मुग्ध भाव से पुकार उठते हैं- " स्वागत स्वागत शरद भाग्य से दर्शन पाये। "
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