गरीबी पर निबंध : गरीबी के कारण एवं दूर करने के उपाय

गरीबी पर निबंध : भारत में 12 पंचवर्षीय योजना समाप्त होने को है किन्तु आज भी गरीबी एक चुनौती बनी हुई है। इससे निपटने के लिए न जाने सरकारों ने कितना प्रयास किया लेकिन गरीबी को समाप्त नहीं कर पाए।

सरकारे बदलती रही लेकिन गरीब कल्याण के क्षेत्र में कार्यो का कही कोई नाम-ओ-निसान नहीं है।

नेताओ को खुद का घर भरने से फुर्सत कहा है की, वो गरीब कल्याण के लिए योजनाये लाये अथवा गरीबी दूर करने के उपायों पर चर्चा करे।  

गरीबी के कारण

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वर्तमान समय में भारत गरीबी का जो दंश झेल रहा है उसके पीछे के प्रमुख कारणों को जानना आम जनता के लिए अत्यन आवश्यक है। अन्यथा कही एसा न हो की गरीबो के सर से जीवन का साया उठ जाये।

1. पूँजी का अभाव 

भारत में गरीबी का मुख्य कारण पूँजी का अभाव है। 

यहाँ पूँजी के अभाव के दो कारण हैं- 

✅ प्रतिव्यक्ति उपलब्ध पूँजी की न्यून मात्रा 

✅ पूँजी निर्माण की निम्न दर

यहाँ विकसित देशों की तुलना में प्रति व्यक्ति इस्पात का उत्पादन कम है , जिससे स्पष्ट होता है कि यहाँ प्रति व्यक्ति पूँजी बहुत ही कम है। 


2. जनसंख्या की अत्यधिक वृद्धि  

भारत में जनसंख्या की वृद्धि काफी तीव्र गति से हो रही है । यहाँ जनसंख्या विस्फोट की समस्या है। 

1971 से 2.5 प्रतिशत की वार्षिक दर से जनसंख्या बढ़ रही है जिससे बेरोजगारी की समस्या में काफी वृद्धि हुई है। जनसंख्या विस्फोट की स्थिति गरीबी के लिए जिम्मेवार है। 


3. प्राकृतिक साधनों का विकास 

प्रकृति ने भारत में प्राकृतिक साधनों को प्रदान करने में काफी प्रचुरता दिखलायी है। परन्तु इन साधनों का पूर्ण विकास नहीं हुआ है , जिसके कारण यहाँ के लोग गरीब हैं। 


4. औद्योगीकरण का अभाव 

भारत में उद्योग धन्धों का काफी अभाव है । राष्ट्रीय आय में उद्योगों का कम योगदान है । यद्यपि हाल में उद्योगों का तीव्र गति से विकास हुआ परन्तु जनसंख्या के वृद्धि को देखते हुए बहुत ही कम है । 

सन् 1978-79 में उद्योगों से कुल राष्ट्रीय आय का लगभग 22.5 प्रतिशत भाग ही प्राप्त होता था । परन्तु विकसित देशों में 35 से 40 प्रतिशत राष्ट्रीय आय में उद्योगों का योगदान होता है । 

अतः औद्योगीकरण की कमी के कारण यहाँ के लोग गरीब हैं। 


5. कृषि की प्रधानता 

भारत एक कृषि - प्रधान देश है अतः यहाँ की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर आश्रित है । अभी 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आश्रित है । 

जबकि अमेरिका में 9 प्रतिशत व्यक्ति ही कृषि पर आश्रित है फिर भी वह अपनी खाद्यान्न सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद अनाजों का निर्यात करता है । 

अत : कृषि पर जनसंख्या की . अत्यधिक निर्भरता गरीबी का परिचायक है । 


6. यातायात एवं संवाद वाहन के साधनों का अभाव

यातायात की दृष्टि से भारत काफी पीछे है । यहाँ यातायात के साधनों का पूर्ण विकास नहीं हो पाया है । 

जापान तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में 100 वर्गकिलोमीटर क्षेत्रों के पीछे क्रमश : 400 व 110 मील लम्बी सड़के हैं परन्तु भारत में कच्ची सड़कों को मिलाकर भी यह अनुपात 47 मील है 

अतः जबतक इनका समुचित विकास नहीं होगा तबतक गरीबी भारतीय अर्थ - व्यवस्था में मौजूद रहेगी । 


7. निम्न जीवन - स्तर

लोगों का जीवन - स्तर काफी निम्न है । क्योंकि भारत में लोगों को प्रति व्यक्ति औसत आय अन्य देशों की तुलना में काफी कम है । 

भारत में प्रति व्यक्ति खाद्याना का औसत उपभोग 2000 कैलोरी के लगभग है । परन्तु एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए भोजन में कैलोरी की आवश्यकता होती है । कहा नहीं जा सकता । 

संतोष की बात है कि सुप्रीम कोर्ट इस दिशा में प्रयास कर रहा है।

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चलते-चलते :

प्रस्तुत गरीबी पर निबंध में हमने जाना की भारत में गरीबी के क्या कारन है एवं किस प्रकार से उन कारणों को ध्यान में रखते हुए यदि योजनाये बनायीं गयी तो गरीबो का जीवन स्तर सुधार जा सकता है।

क्योकि वर्तमान में भारत सरकार की जो योजनाये है वो कही न कही पूंजीपतियों को फायदा पहुँचाने के उदेश्य से बनायीं गयी है।

गरीब तो हमेशा राजनीती की चक्की में घुन की तरह पिसते रहे है।

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