शरद ऋतु पर निबंध | essay on winter season in hindi

essay on winter season in hindi : प्रस्तुत शरद ऋतु पर निबंध का उपयोग आप अपनी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए कर सकते है। साथ ही इस निबंध को पढ़ कर आप को गर्मी में भी सर्दी का ऐहसास होगा।


प्रस्तावना : शरद ऋतु पर हिंदी निबंध

 भारतवर्ष अनेक ऋतुओं की अपूर्व छटा से युक्त है । यहा छः ऋतुएँ बारी - बारी से आकर अपनी सुषमा विखेरती हैं । सभी ऋतुओं की अपनी विशेषता है ।

प्रकृति का यह उपहार विश्व में कहीं अन्यत्र उपलब्ध नहीं । वसन्त , ग्रीष्म , वर्षा , शरद , शीत एवं हेमन्त यह सभी छ : ऋतुएँ हमारी समृद्धि एवं विकास में अपूर्व योगदान करती हैं ।


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Essay on winter season in hindi
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शरद ऋतु का महत्त्व : essay on winter season in hindi

वर्षा ऋतु के पश्चात् शरद ऋतु का आगमन होता है । वर्षा काल में धरती सिंचित हो जाती है । पेड़ - पौधों में नवजीवन का संचार होता है तथा सर्वत्र हरियाली दृष्टिगोचर होती है । तभी शरद ऋत का आगमन होता है ।


वातावरण में शीतलता का अनुभव होने लगता है । प्राणिमात्र में नवीन स्फूर्ति , उमंग एवं ऊर्जा का संचार होता है । लोग इस ऋतु के आगमन का स्वागत हर्षोल्लास के साथ करते हैं । पर्व - त्योहारों की श्रृंखला सम्पूर्ण वातावरण को विविध रंगारंग ' उत्सवों ' से ससज्जित कर देती है ।





तुलसीदास रचित रामचरितमानस में मर्यादापुरुषोत्तम राम ने लक्ष्मण से शरद् ऋतु का वर्णन निम्नोक्त दोहे में इस प्रकार किया है " बरसा विगत शरद् ऋतु आई देखहु लछुमन , परम सुहाई " ।

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शरद् ऋतु की विशेषता : 

शरद् ऋतुं मनुष्य , पशु - पक्षी , पेड़ - पौधे सभी में नई ऊर्जा का संचार करती है । वातावरण शीतल एवं मनोहारी हो जाता है तथा ठंडक का अहसास होने लगता है । उत्तरोत्तर ठंडक बढ़ने के साथ ही रात में ओस गिरना प्रारंभ हो जाती है जो पेड़ - पौधों पर परिलक्षित होती है ।

उपलब्धियाँ : शरद् ऋतु हमें अनेक प्रकार के उपहारों से उपकृत करती है । स्वस्थ जीवन के लिए समुचित वातावरण का निर्माण होता है ।

इस ऋतु के अनेक प्रकार के फल , सब्जियाँ तथा अन्य खाद्यान्न हमारे शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं । अंगर , सेव , अमरूद , संतरे , गोभी . मटर , गाजर , खीरा आदि फल एवं सब्जियाँ स्वास्थ्य की दृष्टि से पर्याप्त उपयोगी होते हैं । स्वच्छ हवा तथा सूर्य की धूप शरीर में स्फूर्ति प्रदान करती है ।

विशेषता : hindi essay on winter season


शरद् ऋतु के आगमन के साथ ही अनेकों पर्व - त्योहारों का आयोजन होने लगता है । विश्वकर्मा पूजा , गणपति ( गणेश ) पूजा , दुर्गापूजा , दशहरा , दीपावली , छठ व्रत आदि पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं ।

शादी - विवाह , मुंडन संस्कार आदि समारोहों का शुभारंभ हो जाता है । बच्चे , बूढ़े तथा युवावर्ग सभी जाड़ा की ठंड के कारण रंग - बिरंगे ऊनी कपड़े पहनते हैं । हम इस ऋतु को सोल्लास मनाते हैं ।

उपसंहार : शरद ऋतु पर निबंध

वस्तुत : शरद् ऋतु हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं । इससे प्राप्त उत्साह , स्फूर्ति एवं उमंग हमारी कार्यक्षमता में अपूर्व वृद्धि करते हैं । शरद पूर्णिमा का चाँद अत्यन्त उल्हादकारी एवं । मनोहारी होता है।


शरद ऋतु पर निबंध | sharad ritu in hindi

वर्षा की समाप्ति के बाद शरद ऋतु का प्रारम्भ होता है। 

इस समय तक वर्षा - जन्य कादो कीच और गन्दगी दूर हो जाती है। मेढ़कों का टर्राना बन्द हो जाता है , धान की रोपनी समाप्त हो जाती है , खेतों में हरियाली छाने लगती है , धान फूटने लगते हैं। 

वायु का ताप , किरणों का तीखापन , वातावरण की उमस सभी समाप्त हो जाते हैं और प्रकृति का धुला गात स्वच्छ सौन्दर्य की आभा बिखेरता रहता है। 

जल की पवित्र बूंदों से नहायी हुई प्रकृति का धवल सौन्दर्य मुस्कुरा है न तूफान का आक्रोश उठता है। खेतों की हरियाली में जीवन की उष्मा विखरने लगती है , न कहीं आँधी का प्रकोप रहता आसमान साफ हो जाता है। धरती का कष्ट दूर हो जाता है। 

पानी स्फटिक जैसा हो जाता जो अन्य ऋतुओं में दिखाई नहीं पड़ता। है कि आदमी चेहरा देख ले , कमल - कुमुद शोभा देते हैं। 


त्योहारों का मौसम है शरद 

हरसिंगार इस ऋतु का विशेष पुष्य इस काल में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं जिनमें दुर्गापूजा प्रसिद्ध है । 

त्योहार की धूम - धाम हमारी संस्कृति के धवल नक्षत्रों की शोभा है । हम इसे त्योहारों का मौसम भी कह सकते हैं। इसी ऋतु में आश्विन की अन्तिम तिथि को हमारे पावन पर्व ' शरद पूर्णिमा ' का शुभागमन होता है। 

इस रात को चन्द्रमा अपनी सोलहों कलाओं के साथ गगन मंडल में उदित होता है। शरद - पूर्णिमा चन्द्रमा के मनोरम रुप के दर्शन तथा प्रकृति के मनमोहक दृश्य के अवलोकन का अपूर्व अवसर है। 

जिस प्रकार हमारे यहाँ अन्य त्योहार विजयादशमी , दीपावली आदि मनाये जाते हैं , उसी प्रकार शरद - पूर्णिमा भी हमारा एक धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्व है। 

इस रात को चन्द्रमा बड़ा मनोरम होता है , इस रात को ऐसा लगता है मानो प्रकृति देवी ने सम्पूर्ण पृथ्वी पर दुधिया चादर बिछा दी हो। पूर्ण आभा और यौवन में हँसता हुआ चाँद किस भावुक का मन नहीं मोह लेता ? 

शरद पूर्णिमा पर देखे विशेष नजारा 

शरद के इस मुस्कुराते हुए चाँद का पूर्ण सौन्दर्य , उसका परिपूर्ण रुप यदि आप देखना चाहते हैं तो किसी सरिता या सागर के किनारे चले जाइए। समुद्र की उच्छल तरंगों में लक्ष - लक्ष चाँद देखकर निहाल हो जायेंगे। 

किसी वृक्ष के नीचे खड़े हो जाइये , वृक्ष के पत्तों से छन - छन कर आती हुई चाँदनी तथा वृक्ष की छाया दोनों की आँखमिचौनी तथा उनके विचित्र सम्मिश्रण पर आप मुग्ध हो जायेंगे। 

इस प्रकार शरद ऋतु से हम प्रकृति के अनेक रमणीय रूपों के दर्शन प्राप्त करते हैं। 

बादल अपने भींगे वस्त्रों से आकाश को धो - पोछ कर साफ बना देते हैं , रुई के फाहे की तरह एकाध मेघ खण्ड तैरते दृष्टिगोचर होते हैं , कण - कण में शीतल पुलक भर उठता है। 

हम मुग्ध भाव से पुकार उठते हैं- " स्वागत स्वागत शरद भाग्य से दर्शन पाये। "


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