नशा सेवन पर निबंध : नशा सेवन एक सामाजिक कलंक

नशा सेवन हमारे जीवन के सबसे घृणित कार्यों में से एक है। नशा सेवन पर निबंध में हम इसी के दुष्परिणामों के ऊपर बात करेंगे।

खासकर बच्चे जो हमारे समाज के कर्मधार, इस देश के भविष्य है। उनके जागरूकता में नशा सेवन पर निबंध एक मजबूत स्तंभ साबित होगा।

इस हिंदी निबंध के जरिये बच्चों के मन-मस्तिष्क में नशा सेवन के प्रति घृणा उत्पन्न होगी तथा वे इसके दुष्प्रभावों को गंभीरता से समझ सकेंगे।

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नशा सेवन क्यों करते हैं : नशा सेवन एक सामाजिक कलंक

नशा सेवन एक आदत है । विभिन्न कारणों से लोग उसका सेवन करते हैं । यह मनुष्य को क्षणिक उत्तेजना , उमंग , उत्साह एवं स्नायविक स्फूर्ति प्रदान करता है ।

मानसिक तनाव एवं शारीरिक थकावट को अल्पकालीन राहत प्रदान करता है । हमारे मस्तिष्क की गतिविधियों को यह अपने चंगुल में ले लेता है ।

इसके सेवन करने की ओर लोगों की प्रवृत्ति की पृष्ठभूमि में पारिवारिक एवं अन्य विवाद , आर्थिक समस्याएँ , शोषण , उत्पीड़न आदि प्रमुख हैं ।

अपराधी पृष्ठभूमि के लोगों के लिए यह सर्वोत्तम टॉनिक है । एक बार इसके अभ्यस्त हो जाने के बाद इसके सेवन किए बिना चैन नहीं मिलती है ।

नशा के विभिन्न रूप :

नशीले पदार्थों को मादक द्रव्य भी कहा जाता है । मादकता का अर्थ होता है - मनुष्य के सामान्य आचरण में परिवर्तन लाकर उसे मदमस्त करना।

अर्थात् असमान्य रूप से उसमें उत्तेजना , उद्वेग , कृत्रिम उमंग एवं स्फूर्ति का संचार करना ।

नशा - सेवन के अनेक प्रकार हैं , यथा - मद्यपान ( शराब , ताड़ी आदि ) , धूम्रपान , गाँजा , अफीम , स्मैक , ब्राउन सुगर , तम्बाकू , खैनी आदि ।

इसकी लंबी फेहरिस्त है । देश और काल के अनुसार अनेक प्रकार के अन्य नशीले पदार्थों का सेवन किया जाता है ।

एक राष्ट्रीय कलंक :

नशा - सेवन वस्तुतः एक राष्ट्रीय कलंक है । इससे अनेक प्रकार की सामाजिक कुरीतियाँ तेजी से अपने पाँव पसार रही हैं ।

नशा - सेवन शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार से घातक है । यह शरीर तथा मस्तिष्क को जर्जर कर देता है ।

अनेकों प्रकार के असाध्य रोगों का यह जन्मदाता एवं पोषक है ।

कैंसर , टी ० वी ० , हृदय रोग आदि जैसे अनेक जानलेवा रोगों को नशा - सेवन आमंत्रित करता है ।

सामाजिक जीवन को यह ध्वस्त कर देता है । नारी - उत्पीड़न पारिवारिक कलह , हत्या , आत्महत्या , झगड़े , दंगे , अपराध तथा अनेकों कुरीतियों एवं समाजविरोधी तत्वों को इससे अनावश्यक प्रोत्साहन प्राप्त होता है ।

यह कुप्रवृत्ति महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही है । इस दुर्व्यसन से राष्ट्र एवं समाज को व्यापक क्षति पहुंच रही है तथा उक्त बुरी लत भावी पीढ़ी को भी अपने चंगुल में ले रही है।

उपचार एवं समाधान : नशा सेवन पर निबंध

आवश्यकता इस बात की है कि बढ़ती हुई इस कुप्रवृत्ति को , राष्ट्र एवं समाज के कल्याण के लिए , समूल नष्ट कर दें।

इस दिशा में हमें कई उपाय करने होंगे

( i ) जागरूकता अभियान चलाना

( ii ) नशा का सार्वजनिक स्थलों पर सेवन पर पूर्ण रोक

( ii ) मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक

( iv ) शासन द्वारा इस दिशा में ठोस कार्रवाई

( v ) नशेड़ियों तथा नशीले पदार्थों के तस्करों के साथ सख्त कानूनी कार्रवाई करना

( vi ) मादक - द्रव्यों के विज्ञापन पर पूर्ण रोक

( vii ) मादक - द्रव्यों से होने वाली हानियों तथा उसके घातक परिणामों से लोगों को अवगत कराना

( viii ) नशा - विमुक्ति कार्यक्रम द्वारा लोगों को नशा - सेवन से मुक्त कराकर नवजीवन प्रदान करना आदि उपाय करने चाहिए ।

यह उत्साहवर्द्धक एवं हर्ष की बात है कि सरकार इस दिशा में पूर्ण सक्रियता दिखला रही है । अनेक समाजसेवी एवं स्वयंसेवी संगठन भी इस दिशा में पर्याप्त योगदान कर रहे हैं ।

अनेक नशा -विमुक्ति केन्द्रों की स्थापना द्वारा नशा - सेवन करनेवालों को उससे मुक्त कराने के अभियान द्वारा उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।

नशा - सेवन के प्रति आकर्षण समाप्त कर अरूचि पैदा करने के लिए उपयुक्त औषधियों का सेवन कराया जा रहा है।

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चलते-चलते :

नशा सेवन पर निबंध आपको कैसा लगा हमे कमेंट के जरिये जरुर बताएं। साथ ही इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि नशा का सेवन करने से आपके शरीर में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो सकते हैं।

यदि अभी से ही आप नशा सेवन पर निबंध में लिखी बातों का अनुसरण नही करेंगे तो शायद आपका जीवन अंधकार में जा सकता है।

खैर यदि आप भी इस तरह के निबंध अथवा अन्य कोई रचना लिखते हैं। तो आपकी सभी स्वरचित रचनाओं के लिए मेरी वेबसाइट हमेशा उपलब्ध है।

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