यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध, काल्पनिक निबंध की श्रृंखला में आता है। जिसका उद्देश्य बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ाना है। साथ ही एक गरिमामय पद का कर्तव्यबोध कराना है।
यदि आप बच्चो को मुख्यमंत्री के पद का कर्तव्यबोध करवाना चाहते है तो यदि मै मुख्यमंत्री होता निबंध को पढ़े।
प्रस्तावना : if i were the prime minister of india essay in hindi
प्रधानमंत्री बनने की मधुर कल्पना प्रत्येक व्यक्ति के मानस - पटल पर अनेकों स्वप्नों की मधुर कल्पना का सृजन करती है । उसी में से एक है, यदि मैं प्रधानमंत्री होता ।
इस अकल्पनीय विचार के आते ही मन उमंग एवं हर्षातिरेक से आवृत्त हो जाता है । अनेकों कार्यक्रम बनने लगते हैं । ऐसा प्रतीत होने लगता है मानों चारो तरफ से " जयकार " के स्वर सुनाई पड़ रहे हैं ।
अनेकों स्थान पर शिलान्यास एवं उद्घाटन के कार्यक्रम दिवा - स्वप्न सा आने लगते हैं । मैं भी ऐसे विचार आते ही मधुर भावनाओं में निमग्न हो जाऊँगा ।
भावी योजनाएँ - यदि मैं प्रधानमंत्री होता
प्रधानमंत्री होने का विचार आते ही योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अथाह सागर में मेरा मन गोते लगाने लगता है ।
शिक्षा की दरवस्था , देश की आन्तरिक और वाह्य सुरक्षा , आर्थिक विकास , खेती तथा उद्योगधंधों के सर्वतोमुखी विकास की योजनाएँ , बेरोजगारी का समाधान , आतंकवाद पर नियंत्रण , भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करना , साम्प्रदायिक सद्भाव कायम करना सदृश अनेकों समस्याओं का निराकरण मेरी प्राथमिकता होगी ।
तीव्र वैज्ञानिक - विकास तथा वैज्ञानिक अनुसंधान एवं उपलब्धि की दिशा में अपने ठोस एवं सक्रिय प्रयास द्वारा भारत को विश्व के मानचित्र पर सर्वोच्च स्थान पर पहुँचाना मेरा लक्ष्य होगा ।
कार्यक्रम की रूपरेखा -
यदि मैं प्रधानमंत्री होता, तो मैं अपनी योजनाओं का कार्यान्वयन अपनी पूर्ण क्षमता से करूँगा । मेरी कार्यशैली निम्नांकित रूप में होगी ; -
( i ) देश की सीमा पर सुरक्षाबलों की तैनाती द्वारा घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों, PLA प्रेरित नक्सलवाद का समूल नष्ट करने हेतु।
सेना को प्रोत्साहित करता। सेना हेतु पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाता, ताकि वे दुश्मनो का डट के मुकाबला कर सके।
( ii ) पारस्परिक साम्प्रदायिक , जातीय एवं भाषायी सदभाव कायम करने पर कार्य करता। लोगों के मन से भेदभाव की नीति को दूर करने के लिए उचित प्रयास करने की कोशिस भी जारी रहती।
( iii ) शिक्षा , बेरोजगारी , निर्धनता एवं असंतोष की समस्या के निराकरण हेत देशवासियों के साथ प्रत्यक्ष संम्पर्क एवं संवाद स्थापित करना । इस दिशा में पंचायत स्तर तक समितियों का गठन करना ।
( iv ) आर्थिक - वैज्ञानिक विकास , परमाणु - ऊर्जा , अनुसंधान एवं उपलब्धि , सेना के तीनों अगों का गठन आदि हेतु उन समस्याओं का निराकरण करना है जो इसमें बाधक हैं।
( v ) महामारी की परिस्थितियों में पर्याप्त इलाज की एवं जांच की सुविधा उपलब्ध कराता। vaccine की खोज हेतु वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने का काम करता।
( vi ) इसके साथ ही अगले चुनाव में जीत सुनिश्चित करने हेतु लोकलुभावन वादों की बरसात करता। ताकि सरकार भी स्थिर रूप से बनी रहे।
निष्कर्ष : अंत में -
उपरोक्त तथ्य मनोनीत प्रधानमंत्री के मानस - पटल को भी उद्धेलित करते हैं । प्रधानमंत्री बनना यद्यपि ' मुंगेरी लाल के हसीन सपने ' जैसी एक काल्पनिक अनुभूति है ।
किन्तु यदि मैं वस्तुत : भारत का प्रधानमंत्री बन जाता तो राष्ट्र की समस्याओं का समाधान उपरोक्त ढंग से करता ।
तो ये था " यदि मैं प्रधानमंत्री होता " काल्पनिक निबंध। अगर आपको ये निबंध पसंद आया तो कमेंट में जरूर बताएं।
2 टिप्पणियाँ
nice post dear
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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