mera bharat mahan essay in hindi | मेरा भारत महान

mera bharat mahan essay in hindi  : हम भारतीय हैं। और हमे अपने भारतीय होने पर गर्व है। सचमुच मेरा भारत महान है। 

इसी कड़ी में हम आज मेरा भारत महान हिंदी निबंध लिखने वाले हैं। तो इस निबंध को पढ़िये और अपने स्कूल या exams में लिखकर अच्छे marks obtain करिये।

प्रस्तुत निबंध मेरे देश के बारे में मेरी उन्मुक्त सोंच को दर्शाती है। इसमें मैने मेरे सपनों के भारत का जिक्र किया है। ये सिर्फ मेरा ही नही बल्कि 140 करोड़ भारतीय के महान भारत की कल्पना है।

essay on mera bharat mahan in hindi

भूमिका : मेरा प्यारा देश भारत अपने अतीत में महान - गौरवशाली इतिहास समेटे हुए है । इसके गर्भ में अनेक प्राचीन संस्कृतियाँ एवं मानव - सभ्यता के क्रमिक - विकास की गौरवपूर्ण - गाथा है , जिससे हम भारतवासी अपनी अद्वितीय आन - बान - शान से विश्व में अग्रणी रहे हैं ।


भारतीय संस्कृति : भारत की संस्कृति की गणना विश्व की प्राचीनतम् सभ्यताओं में होती है । संसार के प्रायः सभी संस्कृतियों के नष्ट होने पर भी भारतीय संस्कृति समय के अनेक झंझावातों और तूफानों के सामने अपनी उच्चता और महानता को अक्षुण्ण रखे हुए है ।

Mera bharat mahan essay in hindi

मानव - संस्कृति के आदिम - ग्रंथ ऋग्वेद की रचना का श्रेय इसी देश को प्राप्त है । इस देश के मनीषी आत्मा और परमात्मा की गुत्थियाँ सुलझाने वाले कोरे दार्शनिक ही नहीं थे , वरन् ज्ञान - विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों की गहराई से खोज की ।


संगीतकला , चित्रकला , मूर्तिकला , स्थापत्यकला में भी हमने बेजोड ( आश्चर्यजनक ) उन्नति की । हमारे देश में उस समय ही उच्चकोटि की नागरीय सभ्यता विकसित हो चुकी थी जिस समय संसार का अधिकांश भाग घुमंतू जीवन अपनाए हए था । सिंधु - घाटी की सभ्यता इसका ज्वलन्त उदाहरण है ।

mera bharat mahan hindi essay

प्राकृतिक शोभा : मेरा देश भारत प्रकृति की पुण्य - लीलास्थली तथा विश्व का सिरमौर है । । माँ भारती के मस्तक पर हिमालय मकट के समान , गले में गंगा तथा यमुना हार के समान और दक्षिण में भारत - माता के चरणों को हिन्द - महासागर निरंतर धोता रहता है ।

गंगा , यमुना , सतलज . व्यास , गोमती . कावेरी जैसी अनेक नदियों का यह देश अन्न के रूप में सोना उगलता है तथा केवल यहीं पर छ : ऋतुएँ आती हैं ।

अनेकता में एकता : अपने अंतर में संजोए अनेक प्राचीन संस्कृतियों का साक्षी हमारा देश समय - समय पर आने वाली विभिन्न संस्कृतियों , धर्म और सम्प्रदायों को अपने यहाँ आश्रय देता रहा है ।

यही कारण है कि यहाँ अनेकता में एकता का अद्वितीय उदाहरण मिलता है । विविध आस्थाओं , धार्मिक - विश्वासों और सामाजिक जीवन - शैली की अनूठी मिसाल है , यह " अनेकता में एकता " । मेरा देश भारत सामाजिक - धार्मिक अनेकता ( विविधता ) को एक सूत्र में पिरोये है ।

भारत देश की महानता से भला कौन नही परिचित हैं। कई सारे ऋषियों मनीषियों ने स्वर्ग से पवित्र इस हिन्द देश मे जन्म लिया ।

संसार मे प्रचलित के सारी मान्यताओं, धर्मों का भारत देश मे उदय हुआ। यहाँ के मुनियों ने वेदों हर पुराणों की रचना की। जिसका अध्ययन कर के समस्त मानव जाति का कल्याण सुनिश्चित होता है।

जिन तकनीकों के बारे में दुनिया कभी नही जानती थी उन तकनीकों को , प्राचीन काल के भारतीय ऋषियों ने पहले ही विकसित कर लिया था।

मेरा भारत महान यूँ ही नही है, जिस हवाई जहाज को दुनिया दी भाइयों की खोज समझती है। वो हवाई जहाज तो भारत मे त्रेता युग के समय ही पुष्पक विमान के प्रारूप में आ चुका था।

वैज्ञानिकों ने कई वर्षों के अध्ययन के बाद ये बताया कि सौरमंडल में 9 ग्रह है। लेकिन हमारे ऋषियों ने हजारों वर्ष पूर्व इसे दुनिया के सामने ला दिया था। तभी तो पूजा के कार्यो में उपयोग किये जाने वाले मंत्रो में नवग्रह का जिक्र होता है।

ये वही महान भारत वर्ष है, जिसने दुनिया को शून्य का ज्ञान दिया। गणित के प्रमेय से रूबरू कराया। जरा सोंचिये अगर विश्व मे शून्य नही होता तो क्या कोई भी गणना करना संभव होता।

इसी भारत ने विश्व को योग दिया। योग एक ऐसी पद्धति जिसे अपना कर हम अपने स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर सकते हैं। कई सारी बीमारियां तो योगा करने वाले लोगो के आस पास फटकती भी नही है। क्योंकि योग के जरिये मानव की रोग प्रतिरोधक छमता कई गुना तक बढ़ जाती है।

भारत महान है, ये भारत विश्व गुरु है और दुनिया को ये बात हर हाल में स्वीकार करनी ही होगी। 

उपसंहार : उपरोक्त तथ्यों के संदर्भ में हमारे देश के विषय में निम्नांकित निष्कर्ष उभर कर सामने आते हैं -

( i ) अनेक प्राचीन - संस्कृतियों एवं मानव - सभ्यता का केन्द्र

( ii ) महान गौरवशाली इतिहास का भंडार 

( iii ) आध्यात्मिक दार्शनिक तथा ज्ञानी - विज्ञानी विभूतियों एवं मनीषियों की कर्मभूमि 

( iv ) अपूर्व प्राकृतिक - शोभा , छ : ऋतुओं एवं प्रचुर मात्रा में उत्पन्न करनेवाली उर्वरा धरती 

( v ) अनेकता में एकता के अनुपम उदाहरण का पावन एवं महापरम्पराओं वाला हमारा भारत देश संसार में एकमात्र मिसाल है ।

अपने देश की गौरवमयी परम्पराओं तथा वैभवशाली इतिहास को अक्षुण्ण बनाने हेतु यही निश्चय करें-

जिएँ तो सदा इसी के लिए,यही अभिमान रहे, यह हर्ष।
निछावर कर दें हम सर्वस्व , हमारा प्यारा भारतवर्ष।।

तो निश्चित रूप से भारत , उन्नति के शिखर पर अग्रसर होता चला जाएगा ।

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 चलते - चलते : mera bharat mahan essay in hindi

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