मेरे जीवन का लक्ष्य ऐसा रहा है जिसे पूरा करने के लिए मैंने भरपूर कोशिसे की है, जिन्हें मेरे जीवन का लक्ष्य निबंध के जरिये दर्शाना एक सुखद अनुभव होगा।
हर एक छात्र का कोई न कोई लक्ष्य होता है, उस लक्ष्य को पूरा करने के उदेश्य से ही वो जी तोर मेहनत कर रहा होता है।
आइये आप भी मेरे साथ मेरे जीवन का लक्ष्य निबंध का सहभागी बनिए।
मेरे जीवन का लक्ष्य
मेरे जीवन का लक्ष्य चिकित्सक ( डॉक्टर ) बनना है।
हमारा देश बहुत बड़ा है। यह एक अर्द्ध - विकसित देश है। हालाँकि हर वर्ष एक बड़ी संख्या में चिकित्सक अपनी शिक्षा पूरी करते हैं।
फिर भी हमारे देश में चिकित्सकों का अभाव है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण के कारण कई बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। गाँववासी काफी गरीब होते हैं। वे उचित भोजन नहीं कर पाते।
शहरों में कई बीमारियाँ गंदगी से ही उत्पन्न होती है। पेट्रोल और डीजल से चलनेवाली गाड़ियों के कारण वायु - प्रदूषण होता है।
पानी और कूड़ा सड़कों पर इधर - उधर जमा होते रहते हैं।
शहरों में अब कुछ भी शुद्ध नहीं रहा। इस तरह शहरों में प्रदूषण बीमारी का प्रमुख कारण है।
पैसा कमाने को नहीं बनाये जीवन का लक्ष्य
मैंने यह देखा कि अधिकांश डॉक्टर पैसा कमाने की होड़ में रहते हैं।
वे शहरी क्षेत्र में ही नौकरी करना चाहते हैं। वे मेडिकल की पढ़ाई इसलिए करते हैं ताकि अधिक पैसे कमा सके।
वे इसके द्वारा एक आलीशान भवन , एक बड़ी कीमती कार और एक अच्छा नर्सिंग होम का निर्माण करा सकें।
वे अपने भवन में हर कमरा वातानुकूलित रखना चाहते हैं। ये सुविधायें ग्रामीण क्षेत्रों में शायद न उपलब्ध हो सके। इसलिए वे ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं जाना चाहते।
मैं एक चिकित्सक इसलिए बनना चाहता हूँ ताकि सही अर्थों में लोगों की सेवा कर सकूँ।
क्योकि मै उनलोगों में से नहीं हु जो पैसे कमाने को अपने जीवन का लक्ष्य बना लेते है।
लोगो का सही उपचार करना है मेरे जीवन का लक्ष्य
मैं ऐसे दूर - दराज के क्षेत्रों में जाना चाहता हूँ जहाँ अन्य चिकित्सक नहीं जाना चाहते।
वहाँ के लोग बीमारियों को झेलते हैं तथा ऐसे लोगों का शोषण भी सहते हैं जो बीमारी की जानकारी न होने के बावजूद दवा देते हैं।
वे भोले - भाले ग्रामवासियों से ढेरों पैसा ऐंठते हैं। बहुत से लोग गलत इलाज और गलत दवा के कारण मृत्यु को प्राप्त करते हैं।
मैं उन लोगों का उपचार करना चाहता हूँ जो अपने मरीजों को इलाज के लिए शहर नहीं ले जा सकते।
एक चिकित्सक ईश्वर के बाद दूसरा जीवन दाता होता है। इस बात को मैं अपने कार्य से और नि : स्वार्थ सेवा से सिद्ध करना चाहता हु।
जी तोर मेहनत से प्राप्त होगा जीवन का लक्ष्य
चिकित्सक बनने के लिए मुझे कठिन परिश्रम करना पड़ेगा जिससे कि इंटरमीडिएट करने के बाद प्री - मेडिकल , डेंटल टेस्ट की प्रतियोगिता में अच्छा स्थान प्राप्त कर सकूँ।
मैं यह जानता हूँ कि यह प्रतियोगिता अत्यंत कठिन है । इस परीक्षा में सामान्य परिश्रम करने से सफलता नहीं प्राप्त हो सकती।
मुझे अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दिन - रात मेहनत करनी पड़ेगा।
मैं ऐसा कर भी रहा हूँ। मैं ऐसी पत्रिकायें खरीदता हूँ जिसमें पी . एम . डी . टी . की प्रतियोगिता के प्रश्नोत्तर छपे रहते हैं।
इन प्रश्न पत्रों को प्रतिदिन दो घंटे तक पढ़ता हूँ जो मेरे विद्यालय की सामान्य पढ़ाई के अतिरिक्त है।
मैं अपने स्तर से पूरा प्रयास करता हूँ कि स्वयं को तैयार कर सकूँ।
मुझे किसी तरफ से कोई निर्देश नहीं प्राप्त हो रहा है। मेरा कोई मित्र या संबंधी इस पाठ्यक्रम की तैयारी नहीं कर रहा है।
इसलिए मेरे सामने समस्या आ रही है। इसलिए मैं सोच रहा हूँ कि शहर - जाकर किसी अच्छे कोचिंग संस्थान में अध्ययन करूं जिससे कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सफल हो सकूँ।
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1 टिप्पणियाँ
Aapne bahut acchi jankari sanjha ki hai. Thanks for sharing good information with us
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