महिला सशक्तिकरण पर निबंध के अंतर्गत हम वर्तमान समय मे महिलाओं की समाज मे भागीदारी एवं महिला शसक्तीकरण को लेकर किये जाने वाले प्रयासों की चर्चा करेंगे।
आधुनिक युग नारियों की जागृति का युग है । वे जीवन के सभी क्षेत्रों में पुरूषों से प्रतिद्वंदिता करने का प्रयत्न कर रही है ।
भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न वर्गों तथा जातियों के लोग निवास करते हैं । उनकी अलग - अलग परम्पराएँ हैं । सबकी अलग मान्यताएँ हैं फिर भी सब में एक मौलिक एकता है।
इन सब विभिन्न वर्गों से मिलकर भारतीय समाज बना है । समाज - व्यक्तियों का समूह है , जिसमें स्त्री - पुरूष दोनों शामिल हैं ।
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पिछले 15-16 वर्षों से भारत में महिला सशक्तिकरण का नया दौर शुरू हुआ है । पंचायतों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू होने से जमीनी स्तर पर काफी बदलाव हुए हैं और एक नयी राजनीतिक संस्कृति भी विकसित हुई है ।
आज भारत में 12 लाख अधिक महिला निर्वाचित प्रतिनिधि है जो दुनिया के किसी भी देश में नहीं है । इतना ही नहीं अगर पूरी दुनिया के निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या जोड़ी जाए तो वह संख्या इन भारतीय निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों से कम ही है ।
भारत में एक मौन लोकतांत्रिक क्रांति हो रही है जो अभी राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक रूप से भले ही दिखाई नहीं दे रही है पर उसकी धीमी आंच भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बना रही है ।
यह क्रांति देश में सत्ता - विमर्श के ढांचे में भी बदलाव ला रही है । पंचायत स्तर पर इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी ने स्थानीय स्तर पर सामुदायिक जीवन और उसकी चेतना तथा संस्कृति में भी परिवर्तन लाया है ।
इन निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों में दलित , आदिवासी , पिछड़ी जाति तथा मुस्लिम महिलाएँ भी हैं । इन महिलाओं ने सत्ता के जातीय समीकरण को ही नहीं , बल्कि सामाजिक और आर्थिक समीकरण को भी बदल दिया है ।
महिला शसक्तीकरण पर हिंदी निबंध | woman empowerment essay in hindi
विगत 10-15 वर्षों के दौरान बालिकाओं का स्कूल जाना उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है ।
सरकार द्वारा विभिन्न शिक्षा कार्यक्रमों को संचालित किया जा रहा है , जैसे सर्वशिक्षा अभियान , शिक्षा गारंटी और वैकल्पिक एवं प्रयोगात्मक शिक्षा , कस्तूरबा गाँधी स्वतंत्र विद्यालय योजना , शिक्षा सहयोग योजना इत्यादि ।
इन कार्यक्रमों में महिलाओं एवं समाज के चित वर्गों की ओर भी विशेष ध्यान दिया गया है ।
यूनेस्को ने भारत के प्रयासों के लिये दो बार लगातार साक्षरता पुरस्कार देकर करल तथा पश्चिम बंगाल की सराहना की है ।
आज भागीदारी की दृष्टि से कृषि , पशु व्यवसाय , हथकरघा आदि क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान के अनुपात में काफी सीमा तक वृद्धि हुई है ।
पिछले दशक में महिलाओं की क्रियाओं से संबंधित नये आयाम उभरकर सामने आये हैं ।
अब महिलाएँ इलेक्ट्रोनिक्स , टेली कम्युनिकेशन , उपभोक्ता उत्पादन , संगठित क्षेत्र के उद्योग , चिकित्सा संबंधी , प्रशासनिक तथा अन्य महत्वपूर्ण व्यवसायों में आगे आ रही है ।
अब महिलाओं के लिए कार्य शब्द का कोई अर्थ , परिभाषा व सीमा निर्धारित नहीं है।
चलते-चलते :
महिला शसक्तीकरण पर निबंध के अंतर्गत आपने भारतीय समाज, राजनीति, शासन एवं प्रशासनिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी के बारे में जाना।
बेशक भारतीय समाज मे महिला शसक्त होती नजर आ रही है। क्योंकि वर्तमान युग मे अधिकांश भारतीय परिवार स्त्री प्रधान है।
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