डॉ. मेघनाद साहा पर निबंध एवं उनकी जीवनी

डॉ. मेघनाद साहा पर निबंध के अंतर्गत जानिए About Dr Meghnad Saha In Hindi एवं उनकी जीवनी.

इस महँ विज्ञानी ने विज्ञान की प्रगति के लिए जो कदम उठाये है वो काबिले तारीफ है.

Dr Meghnad Saha Biography In Hindi के अंतर्गत उनके योगदानो का वर्णन किया गया है.

डॉ. मेघनाद साहा | About Dr Meghnad Saha In Hindi

डॉ. मेघनाद साहा का जन्म ६ अक्तूबर, १८९३ को ढाका जिले के गाँव ओडा में हुआ था। तब ढाका भारत का ही अंग था। 

उनकी पारिवारिक स्थिति सामान्य हो यो। मैट्रिक की परीक्षा उन्होंने ढाका से उत्तीर्ण की थी। उसके बाद कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्रवेश लिया।

उन्होंने एम.एस-सी. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। उनका विषय गणित था। योग्यता क्रम में मेघनाद का स्थान दूसरा था। 

उस समय सर आशुतोष मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति थे। वे बहुत ही योग्य व्यक्ति थे। हर योग्य व्यक्ति का वे सम्मान करते थे। 

उन्होंने डॉ. मेघनाद साहा को अपने पास बुलाया। साइंस कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध था। वहाँ भौतिक विज्ञान विभाग में प्रोफेसर का पद खाली था। 

सर आशुतोष मुखर्जी ने उनसे प्रोफेसर पद पर कार्य करने के लिए कहा। इससे डॉ. मेघनाद साहा को बहुत खुशी हुई। 

उन्होंने खुशी-खुशो कुलपति महोदय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इस तरह वे कलकत्ता साइंस कॉलेज में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर हो गए।

सन् १९२१ से १९२३ के कुछ कालखंडों तक वे वहाँ रहे थे। वहाँ रहकर उन्होंने भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नई नई खोजें की। 

सन् १९९८ में उन्हें लंदन विश्वविद्यालय द्वारा 'डी.एस.सी.' (डॉक्टर ऑफ साइंस) की उपाधि प्रदान की गई। सन् १९२३ में वे इलाहाबाद चले गए, 

जहाँ उन्होंने सन् १९२३ से १९३८ तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया था। 

उसके बाद वे इलाहाबाद से पुनः कलकत्ता लौट आए थे। वहाँ उन्होंने 'इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स' नामक संस्था की नींव डाली। 

आगे चलकर इस संस्था का नाम साहा के नाम पर रखा गया। डॉ. साहा 'इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टीवेशन ऑफ साइंस' के निर्देशक भी रहे। २६ फरवरी १९५६ को इस महान वैज्ञानिक का देहांत हो गया । 

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